Feb 9, 2018

हमारे पीएम पकौड़ेबाज़

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा पकौड़े बेचने को रोजगार की परिभाषा में शामिल किए जाने संबधी बयान देकर युवाओं के उम्मीदों और भावनाओं के साथ मजाक उड़ाए जाने पर युवा सामाजिक चिंतक सूरज कुमार बौद्ध ने एक गीत "हमारे पीएम पकौड़ेबाज़" लिखकर युवाओं की भावनाओं को व्यक्त किया है। आइए पढ़ते हैं...

- सूरज कुमार बौद्ध

हमारे पीएम पकौड़ेबाज
चाय चाय करते करते बन गए जुमलेबाज,
हमारे पीएम पकोड़ेबाज, हमारे पीएम पकोड़ेबाज......-2
फर्जी डिग्री वाले पीएम की, झूठ-मूठ अल्फाज सुनो।
ट्वीट-ट्वीट से मन ना भरे तो, साहब के मन की बात सुनो।
छात्र नौजवानों की अब, सुनो तो मन की बात...
हमारे पीएम पकोड़ेबाज, हमारे पीएम पकोड़ेबाज......-2
नोटबंदी और जीएसटी की, मार तेरी उपलब्धि है
फर्जिकल स्ट्राइक करने वाली, हर बातें गीदड़भभकी है
वंचित गरीब किसानों पर बेईमानों का राज....
हमारे पीएम पकोड़े बाज, हमारे पीएम पकोड़ेबाज......-2
दो करोड़ की नौकरी, हर साल देने वाले थे,
15 लाख सबके खाते में, स्विस बैंक से लाने वाले थे
गजब के अर्थशास्त्री हो तुम, गजब तेरा विकास...
हमारे पीएम पकोड़े बाज, हमारे पीएम पकोड़ेबाज......-2
अच्छे दिन की बात करके, लाइन में लगवा दिए,
आधार कार्ड के चक्कर में, संतोषी को मरवा दिए,
कासगंज में दंगे करवाके, देखो खुले घूमें सांड......
हमारे पीएम पकोड़े बाज, हमारे पीएम पकोड़ेबाज......-2

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